इतिहास के पन्नों में सिमट गया उज्जैन से मीटरगेज ट्रैक 134 साल पुराना सफर
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मध्य प्रदेश में उज्जैन से जाने वाली 134 साल पुरानी मीटरगेज ट्रैक सोमवार को अतीत का हिस्सा बन गया है.
उज्जैन से फतेहाबाद के रास्ते इंदौर, महू, अकोला तक जाने वाली मीटरगेज ट्रैक आधी रात से छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के लिए रेलवे ने ये फैसला...
more... लिया है.
पश्चिम रेलवे के पीआरओ प्रदीप शर्मा के मुताबिक रविवार रात 11.35 बजे ट्रेन नंबर 52973 उज्जैन-अकोला पैसेंजर शहर से जाने वाली आखिरी मीटरगेज ट्रेन थी.
उन्होंने बताया कि रतलाम रेल मंडल के फतेहाबाद-इंदौर रेलखंड पर गेज परिवर्तन किया जाएगा. इसके लिए 24 फरवरी से रेल यातायात बंद कर दिया जाएगा. मीटरगेज की विभिन्न गाडियों का संचालन इंदौर से महू-खंडवा-अकोला की दिशा में ही किया जाएगा.
गौरतलब है कि रविवार को उज्जैन-फतेहाबाद-इंदौर मीटरगेज रेलखंड पर चलने वाली सभी गाडियों का अंतिम दिन था.
इंदौर-उज्जैन मार्ग पर पटरी बिछाने का काम 1876 में हुआ था. इसके बाद 1879-80 में काम पूरा होने के इस खंड पर पहली ट्रेन दौड़ी थी. गेज परिवर्तन की मांग 2008-09 में शहर से उठी थी. तब तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने बजट में रतलाम से अकोला के बीच गेज परिवर्तन को मंजूरी दी थी.
फतेहाबाद-रतलाम का गेज परिवर्तन हो चुका है और अब फतेहाबाद से इंदौर तक किए जाने की तैयारी है. इस सिलसिले में 26 फरवरी को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ट्रैक पदमसिंह बघेलक का निरीक्षण भी करेंगे.