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बालाघाट-जबलपुर ब्रॉडगेज अमान परिवर्तन कार्य के दौरान कान्हा राष्ट्रीय पार्क ��"र पेंच पार्क सिवनी के कॉरिडोर के बीच आने वाली वन भूमि की अंतिम स्वीकृति देने से पहले वन विभाग ने बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियोंं के लिए रास्ता बनाने की शर्त रखी हैं।
बालाघाट-जबलपुर ब्रॉडगेज अमान परिवर्तन कार्य के दौरान कान्हा राष्ट्रीय पार्क और पेंच पार्क सिवनी के कॉरिडोर के बीच आने वाली वन भूमि की अंतिम स्वीकृति देने से पहले वन विभाग ने बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियोंं के लिए रास्ता बनाने की शर्त रखी हैं।...
more... हालांकि, वन्य प्राणी विशेषज्ञों की टीम ने चंद रोज पहले ही बालाघाट-नैनपुर के बीच वन्य प्राणियों के विचरण क्षेत्र का सर्वे किया था। जिसकी जांच रिपोर्ट वरिष्ठ स्तर पर सांैप दी हंै। फिलहाल इस मामले में मंत्रालय से किसी भी प्रकार का कोई जवाब वन विभाग को नहीं मिला है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर रेलवे से इस बात का लिखित जबाव मिलने के बाद ही वन विभाग जमीन देने की अंतिम कार्रवाई पूरी करेगा। यह प्रकरण पिछले पांच वर्ष से फाइलों में अटका हुआ है।हालांकि, जमीन हस्तांतरण मामले में रेलवे को वन भूमि के बदले सभी तरह की शर्त मंजूर होने की जानकारी मिल रही है। बताया जा रहा है कि वन विभाग का पत्र मिलते ही रेलवे वन्य प्राणियों के लिए रास्ता बनाने की स्वीकृति देगा और काम शुरु करने की घोषणा भी करेगा।
वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र का हुआ चयन
बालाघाट से नैनुपर तक अलग-अलग भाग में लगभग 51 हैक्टेयर भूमि रेलवे को दी जानी है। जिसमें कान्हा और पेंच पार्क का वन्य प्राणियों के लिए संरक्षित क्षेत्र इस भूमि पर पड़ रहा है। जहां वन्य जीव विचरण करते हैं। रेलवे ट्रेक को पार करते हैं। जिसका अभी सर्वे का कार्य किया जा रहा है। इन स्थानों पर रेलवे द्वारा ब्रॉडगेज अमान परिवर्त कार्य के दौरान पुल या सुरंग बनाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ताकि वन्य जीव इस स्थान का उपयोग गुजरने के लिए कर सकें।� विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सर्वे टीम ने सप्ताहभर भ्रमण कर उन स्थानों का चयन किया हैं, जहां से वन्य प्राणी पटरी पार करते हैं, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने मंत्रालय को सौंपी हैं।
छोटी ट्रेन की रफ्तार कम
नैरोगेज लाइन पर ट्रेन की रफ्तार कम हंै। जो पटरियों पर दौड़ते समय तेज आवाज करती हैं। जिसकी वजह से वन्य जीवों को आज तक छोटी ट्रेन से कोई नुकसान नहीं हुआ हैं। विभाग इसी बात का हवाला देते हुए बड़ी ट्रेन की रफ्तार कम रखने पर भी विचार कर सकता है। वर्तमान में बालाघाट से नैनपुर के बीच छोटी ट्रेन की रफ्तार औसतन 35-40 किलोमीटर प्रति घंटा होना बताई जा रही है।
इनका कहना
बालाघाट-नैनपुर नैरोगज लाइन में कान्हा-पेंच कॉरिडोर में वन्य प्राणी किस रास्ते का अधिक उपयोग करते हंै, जिसका वन्य प्राणी विशेषज्ञों की टीम ने बीते दिनों सर्वे किया है। जिसके आधार पर रेलवे को वन्य प्राणियों के लिए रास्ता सुरक्षित करने के लिए कहां जाएगा।
धीरेन्द्र भार्गव, सीसीएफ बालाघाट �
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