रेलवे प्लेटफार्म का होगा जीर्णोद्धार, खर्च होगा 1.85 करोड़.
रोहतास। आदर्श आचार संहिता के खत्म होते ही अधर में लटकी रेलवे की दर्जन भर योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम फिर से शुरू कर दिया गया है। यहां पर मालवाहन लाइन पर मालगाड़ी आसानी से आए-जाए इसे ले जहां पश्चिम व पूरब तरफ गुड्स शेड्स लाइन का विस्तार किया जाएगा। वहीं प्लेटफार्म संख्या एक की चौड़ाई भी कम की जाएगी। इस पर 21 जून के बाद कार्य प्रारंभ होगा। प्लेटफार्म एक के जीर्णोद्धार पर 1.85 करोड़ खर्च होगा। संभावना है कि नन इंटर लॉकिग कार्य समाप्त होने के बाद रिमॉडलिग का कार्य शुरू होगा। वहीं स्टेशन के दक्षिण तरफ बनने वाले सर्कुलेटिग एरिया के विकास पर 95.44 लाख रुपये विभाग खर्च करेगा।...
more... इसके लिए तीन जून को निविदा निकलने की संभावना है।
ए ग्रेड की श्रेणी में शामिल सासाराम रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने तथा स्टेशन परिसर को विकसित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हाल के वर्षों में यहां और कई सुविधाएं बढ़ाए जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि बीते माह 21 मई को औचक निरीक्षण में सासाराम पहुंचे डीआरएम पंकज सक्सेना ने गुड्स शेडस लाइन के दोनों तरफ विस्तार करने की बात कही थी, ताकि गुड्स शेडस लाइन पर खड़ा होने वाली मालवाहक ट्रेन से प्लेटफार्म संख्या एक पर अन्य ट्रेनों के ठहराव में किसी प्रकार की परेशानी न हो सके। पूर्व में दिए गए निर्देशों पर कितना अमल हुआ, इसकी मॉनीटरिग भी डीआरएम ने शनिवार को सासाराम पहुंच की। स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में सौंपे गए टास्क को प्राथमिकता पर पूरा किया जाए। साथ ही इस माह के अंतिम सप्ताह में यहां पर प्रस्तावित एनआइ कार्य की तैयारियों का भी जायजा लिया।
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शेरशाह मकबरे की कलाकृति को देख अभिभूत हुए डीआरएम
रोहतास। मुगलसराय रेल डिवीजन के प्रबंधक पंकज सक्सेना ने शनिवार को जिले के ऐतिहासिक स्थल शेरशाह मकबरा का दीदार किया। पूरे परिवार के साथ सासाराम पहुंचे डीआरएम मकबरा की बनावट व की गई नक्कासी को देख अभिभूत हो गए। वहीं गाइडों ने उन्हें मकबरे से जुड़ी स्मृतियों से अवगत कराया। शेरशाह मकबरा के भ्रमण से पूर्व प्रबंधक ने आरा-सासाराम रेलखंड का भी दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे ऐतिहासिक स्थलों के प्रचार-प्रसार व उसकी अपनी एक पहचान बने इसे ले प्रयासरत है। स्टेशन परिसर में जिले से जुड़े प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानकारी अंकित करने का निर्देश पूर्व में ही रेलवे के स्थानीय अधिकारियों को दिया जा चुका है। ताकि कोई भी स्टेशन पर उतरे तो इन स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर, यहां तक पहुंच सके।