मेरे द्वारा 6 Feb 2019 की माननीय रेल मंत्री व रेल मंत्रालय व प्रधान मंत्री कार्यालय को भेजे सुझाव पर
अमल किया ।
एक तरफ राज्य सरकारें करोड़ों की संख्या में नागरिकों को स्मार्ट मोबाइल फोन मुफ्त में बाट रही है ।
वही अत्यन्त खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय रेल के पास ऑनलाइन पैसेंजर रिजर्वेशन की सारी आधुनिक टेक्नोलॉजी...
more... व नेटवर्क होंने के बावजूद अपने TTE को ऑनलाइन रिजर्वेशन के लिये ऑनलाइन रिजर्वेशन टिकेट इससुइंग मशीन / टैबलेट कंप्यूटर या स्मार्टफोन केवल इस लिये उपलब्ध नही करा रहा है कि उसकी मनसा चलती ट्रेन में रिजर्वेशन टिकट अल्लोत्मेंट में व्याप्त भरस्टाचार को समाप्त करने को बिल्कुल नही दिखाई पड़ती है।
सुझाव
(1)भारत मे 12617 ( गूगल पर उपलब्ध आकड़ो के अनुसार) ट्रैन प्रति दिन चलती है। अगर एक ट्रेन में एवरेज 5 TTE के हिसाब से 63085 TTE सेवा में होंगे अर्थात अधिकतम 63085 टेबलेट PC की जरूरत होगी वर्तमान में अच्छी कंपनी अधिकतम ₹ 8000 के हिसाब से ₹ 50 करोड़ की आवस्यकता होगी जो भारतीय रेल की एक मामूली सी रकम है केवल इक्छा शक्ति की जरूरत है।
(2) अगर सभी TTE को चलती ट्रेन में रिजर्वेशन टिकेट allot करने लिये टेबलेट PC उपलब्ध करा दिए जाते है तो TTE को एवरेज संख्या को 5 की जगह 3 किया जा सकता है अर्थात 12617X3 =37851 टेबलेट PC की ही जरूरत होगी X8000=₹30
करोड़ के बजट की जरूरत ही जरूरत होगी।
(3) ऐसा करने से 12617X2=25237X₹50000( TTE की एवरेज मासिक सैलरी)=₹126 करोड़ मासिक सैलरी की बचत होगी
ऐसा कर चलती ट्रेन में रिजर्वेशन देने में व्याप्त भरस्टाचार को पूर्णतह समाप्त किया जा सकता है। TTE को केवल उपलब्ध वकेटेन्ट सीट को ऑनलाइन मार्क करना होगा। जैसा सभी जानते है आज के डेट में रिजर्वेशन श्रेणी में सफर करने वाले 80से85% यात्रियों के पास स्मार्ट फ़ोन है । ऐसा करने से वे ऑनलाइन current बुकिंग में जा कर सीटो को उपलब्धता के हिसाब से स्वयं भी रिजर्वेशन बुक कर सकते है । इस तरह सीट बुकिंग का भी अधिकतम उपयोग ट्रैन के सोर्स स्टेशन से छूटने के बाद भी किया जा सकता है ।
ऐसा करना समय की तत्काल आवश्यकता है।
बिषय पर आपश्री की प्रतिक्रिया, विचार व सार्थक सुझाव आमंत्रित है।