भाई मैं तुम्हारी इस बात से बिलकुल एग्री करता हु की यदि मेरे स्टेशन से कोई ट्रेन छिन जाये तो हर्ट तो होता ही है I लेकिन ये भी तो सच है कि पैसेंजर ट्रेन में चलने वाली अधिकतर जनता गरीब होती है उनके किराये में अचानक दुगनी वृद्धि हो जाना कहा तक उचित है I तो पैसेंजर ट्रेन को पैसेंजर रहने दो और जो लोग कह रहे है की समय तो बच रहा है तो भाई ये समय तो पहले भी बच सकता था लेकिन नहीं पहले कोटा से गुना (185 km) पहुचने में 7 घंटे लेती थी फिर गुना में 45 मिनट का स्टॉप और अब IR ट्रेन को एक्सप्रेस बना कर वाह वाही भी लूट रहा है कि समय तो बच रहा है ना और लोगों का पैसा भी, ये तो उसी तरह की बात हुई पहले कोई 100 रु की चीज का MRP 500 रु रख...
more... दो फिर सेल में 70% डिस्काउंट देकर 150 रु में बेच दो I ग्राहक भी खुश की 70% ऑफ मिल गया और दुकानदार भी खुश की 50% प्रॉफिट मिल गया I अभी भी ट्रेन में करीब 1 से ढेड घंटे का मार्जिन तो गुना तक है I