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इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, श्री विदेह कुमार जयपुरिया, सीईओ-डायल ने कहा, "निश्चित रूप से कोविड-19 ने दिल्ली हवाई अड्डे के संचालन के तरीके को बदल दिया है। हमारी गतिविधियां हमारे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर केंद्रित है। इस महामारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के पहुंचने पर होने वाली असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली हवाई अड्डे ने भारत सरकार के साथ मिलकर एक पहल की शुरुआत की है जो आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के हितों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भारत वापस आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक अनुमोदित छूट फॉर्म उपलब्ध होने से न केवल क्वारंटाइन प्रक्रिया में आसानी होगी, बल्कि क्वारंटाइन प्रक्रिया के लिए कतारबद्ध होते समय अत्यधिक देरी की समस्या को भी...
more... कम किया जा सकेगा। इसके अलावा यात्री दो बार स्व-घोषणा की प्रति (कॉपी) भरने की परेशानियों से भी बच सकते हैं।”
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव, सुश्री उषा पाढ़ी ने दिल्ली हवाई अड्डे की पहल की सराहना करते हुए कहा, “भारत में अंतर्राष्ट्रीय आगमन सेवा फिर से शुरू किए हुए कुछ समय हुआ है। महामारी के दौरान सीमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से यात्री विभिन्न कारणों से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। एमओसीए, स्वास्थ्य स्व-घोषणा की इस प्रक्रिया को डिजिटलीकृत करने, सुव्यवस्थित करने और यात्रियों को छूट देने में दिल्ली हवाई अड्डे के योगदान की सराहना करता है। डायल द्वारा तैयार ई-प्लेटफॉर्म का उपयोग देश के सभी हवाई अड्डों पर किया जाएगा और यह राज्यों/ स्वास्थ्य प्राधिकरणों को अंतर्राष्ट्रीय आगमन के लिए मंजूरी प्रदान करने की प्रक्रिया को तीव्रता के साथ ट्रैक करने में मदद करेगा। इससे भारतीय हवाई अड्डों पर उड़ानों की संख्या को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।”
सरकार के वर्तमान अधिदेश के अनुसार, भारत में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से पहुंचने वाले सभी यात्रियों को अपने खर्चे पर सात दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन में रहना पड़ता है, इसके बाद सात दिनों का होम क्वारंटाइन लागू होता है। पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एपीएचओ द्वारा स्वास्थ्य स्क्रीनिंग से गुजरना अनिवार्य है। इसमें अत्यधिक सावधानी के साथ की गई थर्मल टेम्परेचर स्क्रीनिंग, अत्यधिक सटीक, मास स्क्रीनिंग कैमरे शामिल हैं।
डायल के संदर्भ में
जीएमआर समूह के नेतृत्व में, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) एक कंसोर्टियम है; जिसमें जीएमआर समूह, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और फ्रापोर्ट शामिल हैं। इस कंसोर्टियम के पास दिल्ली हवाई अड्डे को 30 वर्षों के लिए वित्त, डिजाइन, निर्माण, संचालन और रख-रखाव करने का अधिदेश प्राप्त है, जिसमें इसको और 30 वर्षों तक बढ़ाने का भी विकल्प मौजूद है। वास्तव में यह सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) का एक शानदार उदाहरण साबित हो रहा है। इस हवाई अड्डे को 2019 के लिए एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी प्रोग्राम में, एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा आकार और क्षेत्र (एशिया प्रशांत क्षेत्र में 40 एमपीपीए से ज्यादा) में सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डे के रूप में चुना गया है। डायल ने दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण का काम 37 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा किया है, जिसमें टर्मिनल 3 (टी3) - भारत की आजादी के बाद की सबसे बड़ी इमारत- को चालू करना भी शामिल है।
डायल द्वारा प्रबंधित किए जा रहे यात्री टर्मिनलों को उनकी अत्याधुनिक अवसंरचना, डिजाइन और परिचालन दक्षता के लिए जाना जाता है। टी3 कई वाहकों के लिए एक हब के रूप में कार्य करता है और यह वास्तव में भारतीय यात्रियों के उड़ान को फिर से परिभाषित करता है। दिल्ली हवाई अड्डा, 2018 में 69.8 एमपीपीए वार्षिक यातायात क्षमताओं के साथ, यात्री और कार्गो दोनों के लिए एक अग्रणी भारतीय हवाई अड्डा है। डायल हरित चिरस्थाई प्रौद्योगिकियों की मजबूती पर बल देता है और इसको पर्यावरण स्थिरता वाले पहलों के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए
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