भाई यह Tax payer वाली बात मत कीजिए क्योंकि भारत में 135 करोड़ जनसंख्या में ऐसा कोई इंसान नहीं है जो टैक्स नहीं देता है | इस देश का हर एक देशवासी टैक्स देता है, तो टैक्स का पैसा अगर देशवासियों के काम आ रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है और अगर आप हर चीज में प्रॉफिट देखेंगे तो वह तो संभव नहीं है, तो फिर देश की हर एक चीज पर पैसे वालों का ही अधिकार रह जाएगा|
भारतीय रेलवे सिर्फ अमीरों की नहीं है , यह हर इंसान के लिए है इसमें गरीबों के लिए भी और अमीरों के लिए भी हर क्लास की सीट उपलब्ध है और हर तरह की रेलगाड़ियां चलती...
more... है ,कुछ फायदे में रहती है कुछ नुकसान में रहती है| जो नुकसान में रहती है उसमें उन्हीं टैक्सपेयर का रुपया लगाकर उस नुकसान की भरपाई की जाती है|
तो भाई जितनी जरूरत एक्सप्रेस सुपरफास्ट और राजधानी जैसी गाड़ियों की है उतनी ही जरूरत इस देश की ग्रामीण जनसंख्या के लिए पैसेंजर रेल गाड़ियों की भी है|
और इस देश की ग्रामीण जनसंख्या का भी एक एक इंसान टैक्स देता है तो अगर इस देश की कोई पैसेंजर ट्रेन घाटे में चल रही है तो उसकी भरपाई भी वह लोग करते हैं अपने ही टैक्स के पैसे से|