बुरा लग रहा है ना? यही हाल हमारा था जबतक दुबे जी MP नहीं थे और हमें ट्रेन मिलती ही नहीं थी.
गोड्डा में ट्रेन ही दुबे जी के कारण आई है तो कुछ साल पहले की बात हटा देते हैं.
मैप देखिए एक बार बांका और दुमका पास पास में हैं बांका में 2005 में ट्रेन आई और आजतक dedicated train बस एक 13242/13241 है. दुमका में 2011 में ट्रेन आई और 2021 तक dedicated train बस 18619/20 ही थी.
जसीडीह...
more... पुराना स्टेशन है वहां से बाकी जगह की बात बाद में करते हैं पहले दिल्ली की कनेक्टिविटी ऑप्शंस देखते हैं जो दुबे जी के पहले थे.
12305/06 राजधानी एक्सप्रेस - RLWL और साप्ताहिक
12306/04 पूर्वा एक्सप्रेस - RLWL और 4 दिन
तूफान एक्सप्रेस - RLWL और डेली (अब बंद कर दी गई)
13131/32 - कोलकाता आनंदविहार एक्सप्रेस - RLWL और डेली जिसे पहले दिल्ली के बजाए कोलकाता से पटना के बीच टर्मिनेट किया गया और अब बंद ही कर दिया गया.
तो दिल्ली जाने का पूरा लोड RLWL के साथ चलने वाली पूर्वा एक्सप्रेस पर था क्योंकि राजधानी सबके लिए है नहीं.
जसीडीह जंक्शन अभी भी देवघर दुमका गोड्डा और बांका जिले का पूरा लोड लेता है आप इन तीनों जिलों की जनसंख्या देखें एक बार. क्या JSME और ट्रेन नहीं पाता ऐसे में? ER जितनी ट्रेन चलाता था सबको वाया धनबाद गया होकर..
चेन्नई पुणे अहमदाबाद बंगलौर की कोई ट्रेन नहीं थी JSME होकर बाद में अंग एक्सप्रेस शुरू हुई तो JSME में उसमें घुस पाना असंभव था वो BGP से JAJ में ही इतनी भरकर आती थी.
दुबे जी 2009 में पहली बार MP बने तो UPA थी केंद्र में.. फिर 2014 में MP बने तो 2018 में पहली ट्रेन लिए 12273/74 दुरोन्तो एक्सप्रेस जो असल में उनका सबसे गलत निर्णय था. दुरोंतों उसी दिन है जिसदिन पूर्वा है JSME से.. एक अच्छी ट्रेन का गेम हुआ उनके इस निर्णय से. लेकिन बाद में उन्होंने इस इलाके की जरूरत के हिसाब से ट्रेनें ली हैं.
आज JSME और GODA से गाड़ियां हैं तो दुबे जी की वजह से. BJP के MP तो भागलपुर और दुमका में भी हैं कहां ट्रेन दे रही NDA Government इन दोनों को?
जो बुरा हमें उस समय लगता था अगर वो अभी आपलोगों को लग रहा तो समझिए की इतने समय तक हमलोग किस मुश्किल में यात्रा करते थे.