दिल्ली-लखनऊ रूट पर एटीएएस का पायलट प्रोजेक्ट
यह हैं जरूरी नियम
•सुविधा केवल उन्हें ही मिलेगी, जिनका टिकट चार्ट बनने के बाद वेटिंग में होगा। आरएसी होने पर भी सुविधा नहीं मिल सकेगी।
•दूसरी ट्रेन में टिकट समायोजित होने के बाद किसी भी तरह का रिफंड नहीं मिलेगा। भले ही पहली वाली ट्रेन का टिकट का मूल्य कम या ज्यादा हो।
•समायोजन...
more... की सुविधा उसी क्लास में मिलेगी, जिसका टिकट होगा। टिकट कन्फर्म होने के बाद दूसरी ट्रेन में सामान्य यात्री की सुविधा मिलेगी।
•एक पीएनआर पर जारी सभी सीटों का समायोजन होने पर ही दूसरी ट्रेन में टिकट कन्फर्म होगा। ऐसा न होने पर अगला टिकट कन्फर्म कर दिया जाएगा।
•समायोजन नजदीकी स्टेशन से भी संभव है। यानी लखनऊ से जम्मू जाने वाले वाले यात्री को उन्नाव स्टेशन से भी आरक्षण मिल सकता है।
कैंसल सीटों के रिजर्वेशन के बाद जारी होगा सप्लीमेंट्री चार्ट
आरक्षण केंद्र व इंटरनेट से होंगी कैंसल सीटों पर बुकिंग
रह गए तो टीटी देगा रिजर्वेशन
इस इंतजाम को जारी करने के पूर्व रेलवे बोर्ड एक महत्वपूर्ण घोषणा पहले भी कर चुका है। इसके तहत ट्रेनों में चलने वाले टीटी के पास हैंड हेल्ड मशीनें होंगी, जिसकी स्क्रीन पर ट्रेन का रिजर्वेशन स्टेटस अपडेट होगा। यात्रियों के मांग के हिसाब से वे इस मशीन से आरक्षित टिकट जारी कर सकेंगे। मशीन में रिजर्वेशन का स्टेटस लगातार अपडेट होता रहेगा।
यात्री सुविधा के लिहाज से बोर्ड ने यह कदम उठाया है। इसका लाभ ऐसे यात्रियों को मिलेगा, जिन्हें अचानक यात्रा करनी पड़ती है। अब उन्हें सीट रिजर्व कराने का एक और बेहतर विकल्प मिल सकेगा।
अजीत कुमार सिन्हा, सीनियर डीसीएम (उत्तर रेलवे)
लखनऊ (ब्यूरो)। एक नवंबर से शुरू होने जा रही अल्टरनेट ट्रेन एकोमेडेशन स्कीम (एटीएएस) का पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-लखनऊ रूट पर शुरू होगा। शुरुआत में इस रूट की कुछ ट्रेनों पर सुविधा आरंभ करके इसके नतीजे देखे जाएंगे, उसके बाद आगे इसे सभी रूट पर लागू करने पर विचार होगा। इस सुविधा को अपनाने के लिए टिकट बुक कराते वक्त सुविधा से संबंधित विकल्प चुनना आवश्यक है। इसके साथ ही एक बार टिकट समायोजित होने के बाद पहले वाली ट्रेन पर यात्रा करना संभव नहीं होगा। यदि यात्री फिर भी पहली ट्रेन पर यात्रा करना है तो फिर उसे बेटिकट यात्री माना जाएगा। रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को एटीएएस सुविधा आरंभ करने की घोषणा की थी। इसके तहत यात्री को अपने मनचाहे क्लास में टिकट में टिकट उपलब्ध नहीं होता है उसे उसी रूट की दूसरी ट्रेन में समायोजन का विकल्प देने की बात कही गई है।