औरंगाबाद में कुछ गाड़िया तो खाली जाती और कुछ गाड़ियों में पैर रखने को जगह नही, इस सेक्शन में 6 पैसेंजर ट्रेन चलती प्रशासन को चाहिये कि इनमें से 3 ,4 को एक्सप्रेस में बदले सिंगल लाइन और जादा गाड़ियों की वजह से up down करने वालो की ट्रेन 2,3 घँटे लेट हो जाती जिससे आज यह आंदोलन में परिवर्तित हो गया